सेबी बाजार के उतर चढाव के रुझान के लिए नियमित रूप से बाजार जोखिम करक प्रकटीकरण जारी करने की योजना बना रहा है। 

सेबी की इस प्रकटीकरण योजना से निवेशकों को सही निर्णय लेने में मदत होगी ,और उनको नुकसान भी कम होगा। 

निवेशक घबराहट में बिकवाली कर देते है ,और जब शेयर का भाव चढ़ने लगता है ,तो उसे खरीद लेते है ,ऐसेमे उन्हें बड़े नुकसान झेलने मिलते है। 

बाजार के इस उतार चढाव में निवेशक सही निर्णय ले सके ,और घाबरहट में बिकवाली करकर अपना नुकसान ना कर बैठे इस योजना का उद्देश्य है। 

सेबी के अधिकारी ने कहा की ,निवेशक घबराहट में और जल्दी आमिर बनने की लालच में निवेश की मूल बातो को हमेशा नज़र अंदाज कर देता है। 

अधिकारी ने आगे कहा की बाजार में जो भी संसाधने है ,वो बाजार के सहभागियों के है ,उनके व्यावसायिक लाभ के लिए है। 

निवेशक ने अपनी सोच को सार्वजनिक करना चाहिए ,और बाजार में होने वाली तेजी और गिरावट को खुद अपने नज़रिए से देखना चाहिए ,

सेबी ने प्रकटीकरण के मामलों को लेकर कहा है की निवेशकों को उपयोगी हो ऐसे उदहारण पेश होने चाहिए। 

मौजूदा नियमों के तहत एक साधारण वाक्य अनिवार्य है कि कुछ ‘निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं’ जो बहुत अधिक घिसा-पिटा हो गया है

और यह अब काम नहीं करता है। वक्त की जरूरत है कि निवेशकों को कुछ विस्तृत आंकड़े मिलें, वह भी नियामक से।

सिर्फ उनके फंड प्रबंधकों से नहीं, जिनका मुख्य उद्देश्य अपने व्यवसायों को बढ़ाना है,’’उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह नियामक की जिम्मेदारी है कि सभी जरूरी खुलासे किए जाएं

शेयर बाजार पर कड़क निगरानी सेबी हे रखती हे। और बाजार में कोई भी धोखाधड़ी न हो इसका पूरा ख्याल रखती हे।