अगर इस वित्त वर्ष में आपको कोई सैलरी मिलती है ,जो ग्रॉस सैलरी पर असर करती है ,तो इसका व्यापक असर आपके टैक्स बढ़ोतरी पर होगा। 

अब आपके सैलरी में बढ़ोतरी होने से आपके कर में भी बढ़ोतरी होगी ,अब आपको ज्यादा कर देना होगा। 

लेकिन टेंशन की कोई बात नहीं है एरियर पर आप सेक्शन ८९ (१)की मदत से टैक्स को बचाया  जा सकता है। 

लेकिन टेंशन की कोई बात नहीं है एरियर पर आप सेक्शन ८९ (१)की मदत से टैक्स को बचाया  जा सकता है। 

सैलरी एरियर्स पर बढ़ने वाले पैसो पर धारा ८९(१)का प्रावधान रखा गया है। 

सैलरी एरियर्स के धारा ८९(१)का प्रावधान के तहत ज्यादा देनदारी नहीं बनती। 

इसी धारा ८९(१) के तहत आप टैक्स डिडक्शन से टैक्स भरने से बच सकते है। 

लेकिन इस सैलरी एरियर्स से जुड़े टैक्स से बचने के लिए आपको फॉर्म १० ई  भरना होगा। 

ये फॉर्म आपको सरकारी टैक्स विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट पर मिल जायेगा।  

यह फॉर्म टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले भरना होता है. इस फॉर्म में एरियर का भी जिक्र होता है.

इस टैक्स से आप तभी बच पाएंगे जब आप टैक्स विभाग का १०ई फॉर्म भरेंगे। 

यह काम पूरी तरह से डिजिटल है और इसके लिए टैक्स विभाग के दफ्तर का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती.