हम इस लेख में जानेंगे की शेयर्स (shares in hindi) क्या होते है ? और शेयर्स के कोण कोनसे प्रकार के होते है। इसके बारे में हम विस्तार में जानेंगे।
शेयर्स का मतलब होता है हिस्सा। अगर आप किसी शेयर में निवेश करके उसे खरीदते है ,तो आप उस कंपनी का हिस्सा बन जाते है ,यानि उस कंपनी का आप हिस्सा खरीदते है। और उस हिस्से का मूल्य कम ज्यादा होता रहता है।
अगर कंपनी मुनाफा कमा रही है ,तो आपका हिस्सा भी उसमे बढ़ेगा। यानि आपको भी मुनाफा होगा। और आप उसे हिस्से को खरीतदार को बेच भी सकते है। आप उस टाइम उसे खरीद भेज सकते है ,जिस टाइम पर शेयर बाजार खुल हुआ हो। और बाजार का टाइमिंग रहता है ९;१५am से लेकर ३;३०pm तक।

शेयर यह मापने का एक तरीका है कि किसी कंपनी में किसी का कितना स्वामित्व है। शेयरों को शेयर नामक इकाइयों में मापा जाता है। एक शेयर एक कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करता है। यदि आपके पास ABC कंपनी के 100 शेयर हैं, तो आपके पास कंपनी के कुल स्टॉक का 1% है। आप कह सकते हैं कि आपके पास ABC कंपनी के 10% शेयर हैं।
दुनिया भर के स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयरों का कारोबार होता है। स्टॉक एक्सचेंज वह जगह है जहां कंपनियां निवेशकों को अपने शेयर बेचती हैं। निवेशक कंपनी के मुनाफे से पैसा बनाने के लिए शेयर खरीदते हैं।
फर्क ये है की हम शेयर को देख या महसूस नहीं कर सकते है। शेयर डिजिटल होता है। और पैसो को रखने के लिए जैसे बैंक होता है ,वैसेही शेयर को रखने के लिए एक डीमेट खाता होता है। लेकिन पैसो को हम देख और महसूस कर सकते है ,लेकिन शेयर को नहीं।
TYPES OF STOCKS-स्टॉक के प्रकार
स्टॉक दो प्रकार के होते हैं: इक्विटी शेयर्स और प्रेफरेंस शेयर्स।
इक्विटी शेयर्स
इक्विटी का मतलब है कि निवेशक कंपनी के कुछ प्रतिशत का मालिक है। ऋण का अर्थ है कि निवेशक कंपनी को पैसा उधार देता है और बाद में वापस भुगतान किया जाता है।
स्टॉक की कीमत आपूर्ति और मांग से निर्धारित होती है। जब खरीदारों की संख्या विक्रेताओं की संख्या से अधिक हो जाती है, तो कीमत बढ़ जाती है। जब विक्रेताओं की संख्या खरीदारों की संख्या से अधिक हो जाती है, तो कीमत कम हो जाती है।
स्टॉक मार्केट क्रैश तब होता है जब खरीदारों की संख्या विक्रेताओं की संख्या से कम हो जाती है। इस मामले में, स्टॉक की कीमत तब तक गिरती है जब तक खरीदारों की संख्या विक्रेताओं की संख्या के बराबर नहीं हो जाती।
जब कोई कंपनी नए शेयर जारी करती है, तो वे सार्वजनिक हो जाते हैं। सार्वजनिक कंपनियों को एसईसी के साथ वित्तीय विवरण दाखिल करना होता है। ये वित्तीय विवरण बताते हैं कि कंपनी ने पिछले एक साल में क्या कमाया और खर्च किया।
कंपनियां विभिन्न प्रकार के शेयर जारी करना चुन सकती हैं। सामान्य शेयर कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। पसंदीदा शेयर धारक को कुछ अधिकार देते हैं, जैसे वोटिंग अधिकार। गैर-मतदान पसंदीदा शेयर धारक को कोई विशेष अधिकार नहीं देते हैं।
प्रेफरेंस शेयर्स
प्रेफरेंस शेयर्स होल्डर वो निवेशक होते है जो कंपनी में फिक्स रिटर्न्स के साथ निवेश करते है। चाहे कंपनी प्रॉफिट में हो या लॉस में प्रेफरेंस शेयर्स होल्डर को एक फिक्स रिटर्न्स दिया जाता है। साधारण शेयर होल्डर जैसे इक्विटी शेयर्स होल्डर के मुकाबले प्रेफरेंस शेयर्स होल्डर को ज्यादा अहमियत दी जाती है।
कंपनीने अगर अपना डिविडेंड की घोषणा कराती है ,तो सबसे पहले डिविडेंड प्रेफरेंस शेयर्स होल्डर को दिया जाता है बाद में इक्विटी शेयर होल्डर्स को। यानि सबसे पहले प्रेफरेंस प्रेफरेंस शेयर्स होल्डर को दिया जाता है।
औअर अगर कंपनी दिवालिया हो जाती है। तो सबसे पहले कम्पनीको प्रेफरेंस शेयर्स होल्डर को उनकी भरपाई देनी होती है। फिर चाहे वो कंपनी की मालमत्ता बेचकर क्यों ना हो।
शेयर कैसे ख़रीदे और बेचे
शेयर्स को ख़रीदने और बेचने के लिए आपको डीमेट खाते की जरुरत होती है। जो आपको ब्रोकर्स की तरफ से खुलवाना पड़ता है ,हलाकि डीमेट खाते पर भारत सरकार का नियंत्रण रहता है ,ताकि धोकाधड़ी से बच सके।
डीमेट खाता हमारा cdsl और nsdl के नियत्रण में होता है। और हमारा ट्रेडिंग खाता ब्रोकर के पास होता है। हर ब्रोकर का अपना पाना अलग अलग अप्लीकेशन प्लेटफार्म है। और हर एक के अपने अपने अलग अलग चार्जेज होते है।
शेयर्स खरीदने आपब्रोकर्स के अप्लीकेशन में जाकर शेयर्स की संख्या डालकर buy बटन पर क्लिक करना होता है। दयँ रहे की अगर आप लोग टर्म के लिए शेयर्स को खरीदना चाहते हो ,तो लॉन्ग टर्म का ही ऑप्शन आपको सेलेक्ट कारन होगा।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने जाना की शेयर्स क्या होता है (shares in hindi) .और शेयर्स के कोनकोनसे प्रकार के होते है। और हम शेयर को हम खरीद बेच सकते है। इसके बारे में विस्तार में समझा।
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F&Q
१.शेयर का मतलब क्या होता है?
जवाब -शेयर का मतलब होता है कंपनी का हिस्सा। यानि जब हम कोई शेयर्स खरीदते है तो हम उस कंपनी का हिस्सा खरीदते है। यानि हम उस कंपनी के जितने फीसदी शेयर्स खरीदते है ,उतने फीसदी हम उस कंपनी के मालिक होते है।
२.शेयर मार्केट में शेयर कितने प्रकार के होते हैं?
जवाब -शेयर मार्केट में शेयर २ प्रकार के होते है। पहला इक्विटी शेयर्स और दूसरा प्रेफरेंस शेयर। फरक इतना है की इक्विटी शेयर होल्डर का ररिटर्न्स कम ज्यादा होते रहते है ,लेकिन प्रेफरेंस शेयर्स होल्डर को फिक्स रिटर्न्स दिए जाते है।
३.शेयर कैसे ख़रीदा जाता है?
जवाब -शेयर्स खरीदने के लिए आपके पास डीमेट खाता होना अनिवार्य है। जो आप भारतीय सेबी रजिस्टर ब्रोकर के पास से खुलवा सकते है। बिना ब्रोकर के आप डीमेट खाता नहीं खोल सकते।