नमस्ते दोस्तों। आज हम देखने वाले है की शेयर बाजार में intraday trading indicators in hindi क्या होते है। और कैसे काम करते है।और intraday trading में indicators को कैसे इस्तेमाल करते है। और क्या इंडीकेटर्स से स्टॉक प्राइज की मूवमेंट का पता चलता है। इन सब के बारे में हम आज जानने वाले है।
intraday trading indicators meaning in hindi
इंडिकेटर्स का हिंदी में मतलब होता है सूचक। या आप सिग्नल भी कह सकते है। जैसे हमें वाहन चलते वक्त इंडिकेटर्स होते है। वैसे ही स्टॉक के चार्ट में स्टॉक का ट्रेंड पता करने में या उनकी दिशा दिखने का काम ये intraday trading indicators करते है।
इंडीकेटर्स के भी दो प्रकार के होते है। एक होता है leading indicators .और दूसरा होता है lagging indicators .
- leading indicators
ये वो इंडीकेटर्स होते है जो शेयर का ट्रेंड चेंज हो रहा है ये पहलेही बता देते है। लेकिन सिर्फ इन इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करके हम शेयर को खरीद या बेच नहीं सकते। इसके साथ दूसरे इंडीकेटर्स का भी इस्तेमाल करना चाहिए। तभी आपको सिंगल सही मिलेगा। नहीं तो आपको गलत सिग्नल भी मिल सकता है। और उससे आपको नुकसान हो सकता है। leading indicators में कुछ इंडीकेटर्स आते है जैसे की -rsi ,stochastic ,roc etc .
- lagging indicators .
ये वो इंडीकेटर्स होते है ,जो स्टॉक का ट्रेंड चेंज होने के बाद सिग्नल देते है। यानि स्टॉक के चार्ट का ट्रेंड बदलता है। तब जेक lagging indicators सिग्नल देते है। लेकिन इनका सिग्नल ज्यादातर सही होता है। जैसे की moving avarage ,bollinger band ,MACD etc .इनका सिंग्नल लेट होता है। लेकिन ज्यादातर परफेक्ट होता है।
top indicators for intraday trading
हम ऐसे इंडीकेटर्स देखने वाले है ,जो interday trading में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाते है। और उनकी एक्यूरेसी भी बहुत बढ़िया होती है। जो आपको ट्रेडिंग में सिग्नल देने में सक्षम है। और आपको स्टॉक को buy या sell करने के सिग्नल देते है। तो चलिए देखते है top indicators for intraday trading.
१. RSI (relative strength index )
ये एक ऐसा इंडिकेटर है जो ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंडिकेटर है। rsi इंडिकेटर चार्ट में होने वाले मूमेंटम का ट्रेंड दर्शाता है। और ये ० से लेकर १०० के बिच में रहता है। और स्टॉक overbought हे या oversold ये दर्शाने का काम rsi इंडिकेटर करता है।इसे खासकर technical analysis में इस्तेमाल किया जाता है।
rsi kaise kam karta hai
rsi इंडिकेटर ० से लेकर १०० बिच होता है। ये कभी ० के निचे नहीं जाता। और नहीं कभी ये १०० के ऊपर जा सकता है। और इसके तीन महत्वपूर्ण स्तर होते है। जैसे की ३०,५०,और ७० ये इसके महत्वपूर्ण स्तर है। इनका मतलब होता है की। अगर rsi अगर ५० से १०० के बिच है मतलब स्टॉक का मोमेंटम अभी पॉजिटिव यानि की बुलिश है। और अगर rsi का स्तर ० से लेकर ५० के बिच होता है तो इसका मतलब स्टॉक का मोमेंटम नेगेटिव यानि की बेयरिश है।
rsi अगर ७० के ऊपर चला जाता है तो स्टॉक की प्राइज overbought मणि जाती है। और अगर rsi ३० के निचे चली जाती है तो स्टॉक का प्राइज oversold मन जाता है।
२.vwap
vwap का मतलब होता है valume waighted avarage prize . vwap का इस्तेमाल सिर्फ आप interday trading के लिए कर सकते है। ये हर प्रकार के मार्किट में इस्तेमाल क्या जाता है। जैसे की इसे आप forex trading में भी इस्तेमाल कर सकते है। या फिर future market या commodity market .इन सब में vwap का इस्तेमाल ज्यादातर किया जाता है।
vwap kaise kam karta hai
vwap के नामसे ही पता चलता है की ये एक valume के avarage प्राइज को इंडीकेट करता है। vwap एक सिंपल इंडिकेटर है। स्टॉक प्राइज vwap के ऊपर जाने से स्टॉक को buy करने का सिग्नल होता है। और अगर स्टॉक प्राइज vwap के नीछे जाती है तो स्टॉक को बेचने के सिग्नल होता है।
vwap को जिस साइड से स्टॉक का प्राइज क्रॉस करता है उस साइड से आप अपनी पोजीशन बना सकते है। लेकिन vwap का इस्तेमाल इंटरडे में होने के कारन आप इसे ५ मिनिट ,१० मिनिट ,या फिर १५ मिनिट के ही टाइम फ्रेम में लगाकर इस्तेमाल कर सकते है।
३. moving avarage
moving avarage एक ऐसा इंडिकेटर है जो लॉन्ग टर्म यानि लम्बे समय के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। और कम समय यानि इंटरडे के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। moving avarage के दो प्रकार होते है। जैसे की एक होता है simpale moving avarage और दूसरा होता है exponential moving avarage .
moving average kaise kam karta hai
स्टॉक प्राइज के पिछले दिनों के क्लोजिंग प्राइज से moving average निकला जाता है। ये आपको ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर में मिल जाता है। लेकिन इसकी सेटिंग आप लगा सकते है की आपको कितने दिनों का moving average निकलना है। अगर आपको ५० दिनों का moving average निकलना है तो आपको पिछले ५० दिनों के क्लोजिंग प्राइज को जोड़कर उसे ५० से भाग देना। तभी आपका ५० दिनों का moving average निकलता है।
जब स्टॉक का प्राइज ५० दिनों के मूविंग average को ऊपर क्रॉस करता है तो उसे बुलिश मोमेंटम कहा जाता है। और अगर स्टॉक का प्राइज moving average के ५० दिनों के क्लोजिंग प्राइज के निचे चला जाता है। तो उसे बेयरिश मोमेंटम कहा जाता है।
निष्कर्ष
कोई भी इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करने से पहले उसे अच्छे से बैकटेस्ट करके जान लीजिये। क्युकी कोई भी इंडिकेटर हमेशा ही सही सिग्नल नहीं देता। कभी कभी आपका स्टॉपलॉस भी हिट कर देता है। तो अपने अनुभव से ही intraday trading indicators का इस्तेमाल करना चाहिए।
आज हमने क्या सीखा
आज हमने सीखा की intraday trading indicators in Hindi क्या होता है। और कोनसे इंडीकेटर्स का इस्तेमाल ट्रेडिंग में ज्यादा किया जाता है। और हमने आज जाना की स्टॉक मार्केट में top indicators for intraday trading कोण कोनसे है। और वो कैसे काम करते है इन सब के बारे में आज हमने जाना।
यकीं है की आज की ये हमारी intraday trading indicators in hindi पोस्ट आपको काफी पसंद आयी होगी। अगर आपको हमारी पोस्टर अच्छी लगे तो कृपया इसे अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा।
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