future & option क्या होता हे ?

future & option

future and option ट्रेडिंग ये एक डेरीवेटिव होते हे। और ये कॉन्ट्रैक्ट होता हे जिसकी एक्सपायरी होती हे। फ्यूचर और ऑप्शन को मार्किट में लानेका उदेश्य risk managment के लिए हे ,लेकिन दोनों में बहुत फरक हे ,फ्यूचर और ऑप्शन दोनों अलग अलग कॉन्ट्रैक्ट्स या derivetives हे। और ये सिर्फ ट्रेडिंग के लिए बनाये गए हे।

future market

फ्यूचर मार्किट  एक फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट होता हे।  जैसे की हमें लगता हे शेयर का प्राइज फ्यूचर में बढ़ेगा तो  हम उस स्टॉक को खरीद लेते हे और फायदा होने पे बेच देते हे। लेकिन इसकी एक्सपायरी होती हे जोकि हमें हमारा शेयर एक्सपायरी के पहले बेचना होता हे।  चलो अभी इसे एक उदाहरन लेके समजते हे –

example

जैसे की एक किसान ने अपने खेत में आलू लगाया हे। और आलू की कीमते घटती बढाती रहती हे तो उस किसान को चिंता रहती हे की मेरे आलू को बाजार में क्या भाव मिलेगा। क्युकी उसको आलू उगने में १० रु का खर्च्या आया हे. तो उसे लगता हे की मुझे २० या २५ रु मिल जाये तो बहुत बढ़िया रहेगा।  यह सोचकर वो बाजार में चला जाता हे। और उसी बाजार में व्यापारी भी होते हे। उन्हें भी आलू लेने होते हे उनको लगता हे की कम से कम दाम  में हमें आलू मिल जाये तो अच्छा रहेगा। क्युकी उन्हें भी आगे बाजार में उन आलू को ज्यादा भाव में बेचकर प्रॉफिट कमाना हे।

अब वह व्यापारी उस किसान से वो आलू ३० रु के भाव में खरीद लेता हे। अभी किसान का तो काम हो गया उसको उसके मुताबिक जितना चाहता था उतने से अच्छा भाव मिल गया। अभी वो  बाजार से बहार हो गया।  अभी बारी आती हे व्यापारी की अभी उसका जो प्रॉफिट हे वो तो अभी बाजार पैर निर्भर हे. जैसे बाजार में भाव बढ़ा उसको प्रॉफिट मिलेगा। और अगर बाजार का भाव गिरा तो उसको नुकसान होता , अब यही संकल्पना शेयर मार्किट में समझते  हे।

शेयर मार्किट में जो खरीदने  (buyers) वाले होते हे वो होते हे व्यापारी। इसका मतलब buyers ने अभी शेयर्स खरीद लिए अभी उनका प्रॉफिट मार्किट पे निर्भर रहता हे. जब मार्किट में शेयर का  भाव ऊपर जायेगे तब उनको प्रॉफिट होगा। और अगर मार्किट निचे गिरा तो buyers को नुकसान  होगा। और ये सिमित रहता हे एक्सपायरी दीन तक, इस पूरी संकल्पना को ही फ्यूचर मार्किट या फ्यूचर ट्रडिंग कहते हे।

फ्यूचर मार्किट ये eqity market  एडवांस लेवल होता हे। फ्यूचर मार्किट एक standerlized कॉन्ट्रैक्ट होता हे। जो मार्किट के एक्सपायरी पे निर्भर होता हे और उसकी एक्सपायरी निच्छित होती हे।  फ्यूचर मार्किट में हम स्टॉक की खरेदी और विक्री मार्जिन लेकर कर सकते हे इसके लिए हम पुरे पैसे देने की कोई जरुरत नहीं होती।

फ्यूचर मार्किट में और भी सकल्पनाये होती हे जैसे की स्टॉक की लॉट साइज,कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी ,mark to market . फ्यूचर मार्किट में हर एक स्टॉक की एक फिक्स लॉट साइज (lot size)  होती है.मतलब जितना किसी स्टॉक की लॉट  साइज होती हे उतनी ही हमें लेनी पड़ती हे।  और कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी में कॉन्ट्रैक्ट के तीन तरह के प्रकार होते हे पहला near month ,दूसरा mid month ,तीसरा far month  . और near month  की एक्सपायरी महिले महीने के आखरी गुरुवार को होती हे। mid month की एक्सपायरी दूसरे महीने के आखरी गुरुवार को होती हे और far month की एक्सपायरी तीसरे महीने के आखरी गुरुवार को होती हे।

option marketfuture and option

option market

future and option दोनों अलग अलग हे। ऑप्शन फ्यूचर से बना हे लेकिन वो प्रीमियम बेस पर काम करता हे जैसे की हमें  शेयर की चालू कीमत को खरीदने की कोई जरुरत नहीं। हम उसका एक छोटासा premium amount देकर उसे खरीद सकते हे. और प्रॉफिट होने पर उसे बेच दे सकते हे। और  इसकी एक फिक्स एक्सपायरी होती हे।

जैसे हमने आज कोई स्टॉक का प्रीमियम खरीद लिए और फ्यूचर में स्टॉक की मैन प्राइज (strike prize ) बढ़ गयी तो हमारा प्रीमियम भी बढ़ेगा। और अगर स्ट्राइक प्राइज निचे गिरती हे तो हमारा प्रीमियम भी निचे गिरता हे  मतलब स्टॉक की मेन प्राइज अगर बढ़ेगी तो हमें प्रॉफिट होता क्युकी उसके साथ साथ हमारा प्रीमियम भी बढ़ेगा। और अगर स्टॉक प्राइज निचे गिरता हे  तो हमारा प्रीमियम एक्सपायरी तक जीरो हो जायेगा ये बात ध्यान में रख लीजिये।

call  & put options 

option में प्रकार होते हे एक होता हे call option और एक होता हे put option . पहला call option में call के अंदर खरीदना मतलब आप तेजी की ओर हे और कॉल के अंदर बेचना मतलब आप मंदी की ओर हे।  और वैसे हे दूसरा put option में put के अंदर खरीदना मतलब आप मंदी की ओर हे ,और अगर आप put के अंदर कोई स्टॉज बेचते हो तो इसका मतलब आप तेजी की तरफ हे.और इन दोनों की भी एक्सपायरी निच्छित होती हे।

फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग करके के लिए आपको technical analysis को समझने की बाहर जरुरत होती हे ,इससे आपको ट्रेडिंग में मदत होगी की चार्ट को कैसे देखते हे ट्रेंड लाइन  क्या होती हे जो की ट्रेडिंग के लिए बहुत महत्व पूर्ण में अगर आपको technical analysis kya hota he समझना हे तो आप मेरी पिछली पोस्ट में जाकर पढ़ सकते हे उसमे मैंने पुरे डिटेल्स में समझाया हे की टेक्निकल एनालिसिस क्या होता हे और कैसे किया जाता हे वो सभी बाटे उस पोस्ट में लिखी हे  .

आपने सुना होगा की ऑप्शन ट्रेडिंग से लोग लाखो रु  कमाते हे , सही हे लेकिन में आपसे विनती करूँगा की आप बिना नॉलेज के इसमें न पड़े. मैंने लोगो लाखो रु गवाते भी देखा हे इस ऑप्शन ट्रेडिंग में। तो कृपया आप इसका आप पहले नॉलेज (ज्ञान )ले। और धीरे धीरे इसे सीखे और सिखने के बाद छोटे छोटे अमाउंट से इसमें ट्रेडिंग करे। और जब आप इसमें एक्सपर्ट हो जायेंगे तब आप इसमें लाखो क्या करोडो कमा सकते हे।

यकीं हे आजकी हमारी ये पोस्ट आपको पसंद आयी होगी ,अगर आपको कुछ समज न आया हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर भेज सकते हे.और आपका future and option की संकल्पना समज में आ गयी होती।

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