इन बैंको के ग्राहकों को डिपोसिट इन्शुरन्स एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन (DICGC) के तहत ५ लाख रुपये का बिमा कवर दिया जाता है। आरबीआई की तरफ से वित्तीय अवस्था ख़राब चल रही को ऑपरेटिव बैंको को बंद करने का आदेश दिया है।
इन बैंको में जिन ग्राहकों बैंक खाते है उन खातेधारकों को DICGC के तहत ५ लाख का बिमा कवर दिया जाता है। अब जब बैंक बंद हो रही है ,तो ये DICGC की ये जिम्मेदारी है की ग्राहकों को ५ लाख रुपये उनके बैंक खाते में दे दिए जाये।और बंद होने वाले बैंक से ग्राहकों का पैसा उन्हें दिवाली से पहले ही रिटर्न्स मिल जाये।

इसीलिए DICGC ने ये साफ कह दिया है की ,जिन खातेधारकों के पैसे इन बैंको में अटके हुए है , उन्हें अपने बैंकिंग के दस्तऐवजों के साथ दावा करने पर ही ग्राहकों को ५ लाख रुपये दिए जायेंगे। तो चलिए जानते है की किन किन बैंको के ग्राहकों के ५ लाख रुपये दिए जायेंगे।
इन को ऑपरेटिव बैंको के ग्राहकों को दिया जायेगा पैसा
Co-operative Banks
कर्नाटक
सूची में श्री मल्लिकार्जुन पट्टाना सहकारी बैंक नियम और साथ ही श्री शारदा महिला बैंक शामिल हैं। नई दिल्ली में पैसा रामगढ़िया सहकारी बैंक, सूरी, बीरभूम, पश्चिम बंगाल में सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक और विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश में दुर्गा सहकारी शहरी बैंक
महाराष्ट्र
साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक, सांगली सहकारी बैंक, रायगढ़ सहकारी बैंक, नासिक जिला गिरना बैंक, साईं बाबा जनता सहकारी बैंक, अंजनगांव सुरजी नगरी सहकारी बैंक, जयप्रकाश नारायण नगरी सहकारी बैंक और करमाला शहरी सहकारी बैंक- ऑपरेटिव बैंक।
उत्तर प्रदेश
लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (सीतापुर), नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और यूनाइटेड इंडिया कंपनी को-ऑपरेटिव बैंक
इन बैंको के ग्राहकों को सरकार DICGS के तहत ५ लाख रुपये तक बिमा कवर से ५ लाख रुपये रुपये मिलेंगे।