car insurance kya hota hai और कार इन्शुरन्स में क्या क्या कवर होता है।

लोग कार तो ले लेते है। और कहिसे सुना होता है की कार का इन्शुरन्स करवाना चाहिए। लेकिन उन्हें कार इन्शुरन्स क्या होता है ?(car insurance kya hota hai) ये नहीं पता होता। हम इस लेख में जानने वाले है की कार इन्शुरन्स क्या होता है ?(car insurance kya hota hai) ,कार बिमा के के क्या फायदे होते है। और साथ ही हम जानेंगे की कार बिमा के प्रकार कोनसे है। और सबसे अच्छा कार बिमा कोनसा है। और कार इन्शुरन्स में क्या क्या कवर होता है। इन सभी के बारे में इस लेख में जानने वाले है।

car insurance kya hota hai-कार इन्शुरन्स क्या होता है 

car insurance kya hota hai और कार इन्शुरन्स में क्या क्या कवर होता है।
car insurance kya hota hai और कार इन्शुरन्स में क्या क्या कवर होता है।

कार इन्शुरन्स का मतलब होता है की,कार की सुरक्षा के लिए कार पर किया जाने वाला बिमा उसेही कार इन्शुरन्स कहा जाता है। और यह बिमा हमारी कार के लिए लिया जाता है। यानि की अगर हमारी कार को कुछ हो जाता है। जैसे की चोरी होना ,कार का एक्सीडेंट हो जाना ,या फिर कार में आग लग जाना इस प्रकार अगर हमारे कार के साथ में कुछ हो जाता है।

तो बिमा कंपनी हम इसकी भरपाई देती है।कार बिमा करवाने से हमारे कार की सुरक्षा और हमारी भी सुरक्षा बिमा कंपनी वाले लेते है। कार बिमा करने से हमारी कार को अगर कुच होता है तो इसका हमारी जेब से कुछ नहीं जाता। सब बिमा कंपनी इसका खर्च्या उठती है।

कार बीमे करने के भी कुछ प्रकार होते है। और हर प्रकार के बिमा की पालिसी भी अलग होती है। तो चलिए उन्ही कार इन्शुरन्स के प्रकारो के बारे में समझते है।

यह भी पढ़िए

life insurance kya hota hai in hindi-और जीवन बिमा कैसे कराये?

कार इन्शुरन्स के प्रकार(types of car insurance) 

  1. थर्ड पार्टी इन्शुरन्स (third party insurance)
  2. कम्प्रेहैन्सिव इन्शुरन्स (comprehensive insurance)
  3. जीरो डेप्ट इन्शुरन्स (zero dept. insurance)
  4. आरटीआई इन्शुरन्स (RTI insurance)

ऊपर दिए गए ये चार प्रकार के कार इन्शुरन्स होते है। अभीतक आपको कार इन्शुरन्स क्या होता है ?(car insurance kya hota hai) ये समझ आगया होगा। अब हम जानेंगे की कार इन्शुरन्स के ये प्रकारो के बारे में विस्तार में।

mudra loan hindi jankari-मुद्रा लोन क्या हे?कैसे मिलेगा ?

1. थर्ड पार्टी इन्शुरन्स

थर्ड पार्टी इन्शुरन्स में आपका इन्शुरन्स नहीं होता। जैसे की अगर आपका एक्सीडेंट हो जाता है। और आपकी गलती से सामने वाली कार को नुकसान होता है। तो सामने वाला आपके ऊपर केस करता है। तो फिर अगर आपके पास थर्ड पार्टी इन्शुरन्स होता है। तो आपकी इन्शुरन्स कंपनी सामने वाले का सब नुकसान भरपाई कर देती है।

लेकिन थर्ड पार्टी इन्शुरन्स में ये ध्यान रखिये की ऑक्सीडेंट के बाद आपकी गाड़ी का भी नुकसान होता है। तो इसकी नुकसान भरपाई आपको खुद को ही करने होती है। आपका खुद का नुकसान बी भी आपको खुद ही उठाना होता है। इसमें आपको इन्शुरन्स कंपनी कोई भी भरपाई नहीं देती।

लेकिन अगर वही ऑक्सीडेंट में गलती आपकी नहीं है। सामने वाले ने आपके कार को टक्कर मारी है। तो इस हालात में समाने वाली की इन्शुरन्स कंपनी आपकी पूरी नुकसान भरपाई करती है।

हमारे भारत में नए नियमो के अनुसार हर इंसान को जिसके पास कार है ,उसका थर्ड पार्टी इन्शुरन्स होना ही चाहिए। नहीं तो आपका चालान भी कट सकता है।

2. कम्प्रेहैन्सिव इन्शुरन्स 

कम्प्रेहैन्सिव इन्शुरन्स को फर्स्ट पार्टी इन्शुरन्स भी कहा जाता है। और इसका प्रीमियम लगभग थर्ड पार्टी इन्शुरन्स ज्यादा रहता है। ज्यादातर उससे डबल ही रहता है। अगर आपके कम्प्रेहैन्सिव इन्शुरन्स है तो इसका आपको और सामने वाले को भी इसका फायदे होता है।

मतलब की अगर आपका एक्सीडेंट हो जाता है। और एक्सीडेंट में आपकी भी कार का नुकसान होता है। और सामने वाले का भी कार का नुकसान होता है। तो ऐसी स्थिति है आपकी इन्शुरन्स कंपनी आपके भी कार की भरपाई देती है। और सामने वाले के भी नुक्सान की भरपाई आपकी इन्शुरन्स कंपनी देती है।

लेकिन क्या १००% दोनी की भरपाई होती है ? जी ऐसा नहीं है कुछ स्थिति में होती और कुछ स्थिति में नहीं। जैसा की अगर आपके और सामने वाले के कार में मेटल पार्ट्स टूट जाते है। तो कंपनी इसकी १००%भरपाई देती है। लेकिन अगर आपके कार के प्लास्टिक पार्ट्स ,ग्लासेज ,रबर पार्ट्स टूट जाते है। तो कंपनी इसका सिर्फ ५०%ही नुकसान भरपाई देती है।

मतलब अगर आपके कार के मेटल पार्ट्स २० हजार रूपए के है तू इन्शुरन्स कंपनी उसकी पूरी नुकसान भरपाई देगी। लेकिन आपके रबर ,ग्लासेज ,और प्लास्टिक पार्ट्स १० हजार रुपये के है ,तो आपके ५०%यानि की ५ हजार रुपये ही इन्शुरन्स कंपनी देगी। बाकीके ५ हजार रुपये खुद आपको ही देने होंगे।

 ३. जीरो डेप्ट इन्शुरन्स 

जीरो डेब्ट इन्सुरांस का प्रीमियम कम्प्रेहैन्सिव इन्शुरन्स से थोड़ा ज्यादा यानि उससे ३०%आपको ज्यादा प्रीमियम देना पड़ता है। और जीरो डेब्टइन इन्शुरन्स आप सिर्फ नए गाड़ी का ले सकते है।आपके कार ५ साल के अनादर की होनी चाहिए। मतलब आपकी कार अगर ५ साल पुराणी है ,तो आपको ये इन्शुरन्स नहीं मिलेगा।

जीरो डेब्ट इन्शुरन्स अगर आपका एक्सीडेंट हो जाता है तो कंपनी इसका इसका पूरा खरचा आपको देती है। लेकिन १ साल में केवल आपको २ ही एक्सीडेंट को ये इन्शुरन्स क्लेम कर सकता है। अगर उसी साल आपका ३ अक्सीडेंट हो जाता है। तो इसका पूरा खर्चा आपको खुद ही उठाना पड़ता है। इसकी पूरी भरपाई आपकी ही करनी होती है।

लेकिन अगर पहले दो ऑक्सीडेंट में भी हमें थोड़ा खर्चा उठाना होता है। जैसे की फाइलिंग का खर्चा ,कन्सुमल पार्ट्स का खर्चा जैसे की ऑइल ,नट ,बोल्ट ,बेअरिंग ये सब खर्चा हमें ही करना होता है। और साथ ही हमारे कार में जो नए पार्ट्स डालते है। तो जो खराब हुए पार्ट्स बचते है। तो ये ख़राब पार्ट्स का पैसा हमें इन्शुरन्स वालो को देना होता है।

४. आरटीआई इन्शुरन्स (रिटर्न् टू इनवॉइस इन्शुरन्स)

इस इन्शुरन्स का प्रीमियम सबसे ज्यादा होता है। इस इन्शुरन्स में अगर आपकी कार जल जाती है। या फिर फिरसे रिपेयर नहीं हो सकती। तो इस हालत में अगर आपके पास आरटीआई इन्शुरन्स है तो आपको कंपनी पूरी की पूरी नुकसान भरपाई देगी।

मतलब की अगर आपके कार की प्राइज ८ लाख रुपये है। और आपकी कार जल गयी या रिपेयर नहीं हो सकती। तो इन्शुरन्स कंपनी आपको आपकी शोरूम प्राइज जो की ८ लाख रुपये है। वो नुकसान भरपाई के तौर पर आपकी देगी। लेकिन आपकी कार नयी होनी चाहिए। यानि की आपके कार को ख़रीदे हुए २ या ३ साल के ऊपर नहीं होना चाहिए।

टिप ; कार ईशुरन्स के कम्प्रेहैन्सिव ईशुरन्स पालिसी में ही जीरो डेब्ट और आरटीआई इन्शुरन्स एड़ ऑन यानि की उसके की अंदर के इन्शुरन्स के फीचर्स आते है।

एड ऑन कार इन्शुरन्स -add on car insurance 

  • २४*७ रोड साइड अस्सिस्टेंस

इसमें क्या होता की अगर आपकी कार कही रस्ते में ख़राब हो गयी। तो इन्शुरन्स कंपनी वाले आपके लिए एक असिस्टेंस भेजेंगे जो आपकी मदत करेगा। और गाड़ी को ठीक करके देगा।

  • इंजिन प्रोटेक्शन कवर

अगर आपके इंजिन में कुछ खरभि आती है। जैसे की आयल लीकेज ,या आपके कार का इंजिन काम करना बंद कर देता है। तो इन्शुरन्स कंपनी आपको वो रिपेयर करके देती है।

  • एनसीबी क्लेम बोनस (NCB claim bonus)

अगर आपने इन्शुरन्स लिया है। और आपने पहले एक साल में कोई भी इन्शुरन्स क्लेम नहीं किया। तो इन्शुरन्स कंपनी आपको बोनस के रूप में अगली बार आपसे कम का प्रीमियम लेती है।

  • की एंड लॉक रिप्लेस्मेंट

अगर आपकी कार की चावी ख़राब हो जाती है। या चोरी हो जाती है। इस स्थिति में इन्शुरन्स कंपनी आपके चावी का खर्चा नुकसान भरपाई के तौर पर देती है।

  • डेली अलाउंस

अगर आपकी कार रिपेरिंग में है। और अगर आपको कही जाना है। जॉब,ऑफिस या आपके काम के लिए बहार जाना है। इस स्तिथि में इन्शुरन्स कंपनी आपको कही जाने आने का खर्चा भी देती है।

  • ओनर ड्राइवर पर्सनल एक्सीडेंट कवर

भारत सरकार के RIDAI गाइड लाइन के अनुसार ये इन्शुरन्स करना अनिवार्य है। मतलब की ये इन्शुरन्स आपको करना ही है। आपको आपकी खुद की सुरक्षा के लिए ये इन्शुरन्स करना होता है।

ध्यान रहे की हर एड ऑन इन्शुरन्स के चलते आपका प्रीमियम भी बढ़ता रहता जाता है। आप जितने इन्शुरन्स एड करते जायेंगे उतनाही आपका प्रीमियम बढ़ता जायेगा।

आईडीवी क्या है ?IDV 

आईडीवी का फुल फॉर्म होता है insured declared value .

जब हम कार का इन्शुरन्स करवाने जाते है। तो हमें वह कंपनी की वैल्यू बतानी होती है। वो हमें ही फिक्स करनी होती है। आपके कार की वैल्यू पर ही आपका प्रीमियम तय होता है। अगर आपने कार की वैल्यू ज्यादा बताई तो प्रीमियम भी आपका महगा ही आएगा। और अगर आपने कार की वैल्यू कम बताई तो आपको प्रीमियम भी कम ही आएगा।

लेकिन अगर आपकी कार चोरी हो जाती है। तो इस हालत में इन्शुरन्स कंपनी आपको उतनी पैसा देगी जितना की आपने इन्शुरन्स करवाते वक्त उसकी वैल्यू बायती थी। अगर आपके ८ लाख की वैल्यू बताई थी। तो िसनूरांस कंपनी आपकी कार चोरी होने पर आपको ८ लाख रुपये की नुकसान भराई देती है।

लेकिन अगर आपने कार की वैल्यू कम बतायी तो चोरी होए के बाद आपको वैल्यू के हिसाब से नुकसान भराई भी कम ही मिलेगी। इसीलिए कम प्रीमियम के चक्कर में पड़कर आपकी कार की वैल्यू कम नहीं बताये।

निष्कर्ष

कार इन्शुरन्स से आप खुद को और अपने कार को एक सुरक्षा मिल जाती है। की एक्सीडेंट के बाद भी आपका जो नुकसान हुआ है ,वो सब इन्शुरन्स कंपनी देती है। लेकिन आप कोनसी कार इन्शुरन्स पालिसी लेते हो ये उसके ऊपर निरबह्र रहता है।

अभीतक आपको कार इन्शुरन्स क्या होता है ?(car insurance kya hota hai) ये विस्तार में समझ आगया होगा। और साथ ही कार ईशुरन्स प्रकारो के बारे में भी अच्छे से जानकारी मिल गयी होगी।

हमें यकीं है की आजका ये हमारा कार इन्शुरन्स क्या होता है ?(car insurance kya hota hai) लेख आपको काफी फायदेमंद रहा होगा। और अगर आपको आजका ये हमारा लेख पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर सोशल मीडिया पर जरूर कीजियेगा।

F&Q

२. कार इन्शुरन्स कैसे होता है?
५. First पार्टी इन्शुरन्स क्या होता है?

Leave a Comment