bank kya hai और कैसे काम करता है?

नमस्ते दोस्तों। आज हम समझने वाले है की bank kya hai (बैंक क्या होता है).और बैक किस प्रकार काम करता है। बहुतसे लोग ऐसे है जिन्हे बैंक तो मालूम होता है की क्या है। लेकिन उन्हें असल में बैंक का काम कैसे चलता है। और बैंक कैसे तरीके से चलता है।  कोण बैंक को चलता है। क्या हमारे पैसे बैंक में सेफ होते है। और हमारे पैसो का ये बैंक आखिर करती क्या है। इन सब के बारे में हम आज इस लेख में समझने वाले है।

दोस्तों सबसे पहले हम समझेंगे की बैंकिंग इंस्टीटूशन क्या होता है। जहा हम पढ़ाई करते है उसे कहते है एजुकेशनल इंस्टीटूशन। और जो इंस्टीट्शन पैसे में डील करता है। उसे कहते है फाइनेंसियल इंस्टीटूशन। .और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन दो भागो में बाटा गया है। एक होता है बैंकिंग इनसीटूशन और दूसरा होता है नॉन बैंकिंग इंस्टीटूशन।

जो नान बैंकिंग इस्टीटूशन्स वो है है जैसे की lic .और बैंकिंग इंस्टीटूशन में सारे बैंक आ जाते है। और बैंकिग में भी बहुत सारे प्रकार होते है।जैसे की प्राइवेट बैंक ,गवर्नमेंट बैंक। बैंक को गवर्नमेंट भी चलती है। और प्राइवेट यानि की निजी व्यक्ति भी कहला सकते है।  तो चलिए तो आज हम उन्ही बैंक के बारे में समझने वाले है। सबसे पहले हम समझेंगे की bank kya hai (बैंक क्या होता है).

bank kya hai (बैंक क्या होता है)?

सिंपल भाषा में कहा जाये तो बैंक एक financial इन्सिटिटूशन है।बैंक तीन तरीके के प्रोसेस से चलता है। जैसे की पहला है.

  • dimand diposit (डिमांड डिपोसिट)
  • loan&advances (लोन &एडवांस)
  • fund transfer & withdraw  (फंड ट्रांसफर& विथड्रॉ)

तो चलिए इन तीनो को विस्तार में एक एक करके समझते है। सबसे पहले ,

dimand diposit (डिंमांड डिपोसिट)

बैंक हम किसे कहेंगे जो डिमांड डिपोसिट की प्रोसेस करता है उसे हम बैंक कहंगे। डिमांड डिपोसिट मतलब ,जब बैंक में अपना पैसा रखते है तो वो होता है डिपोसिट। मतलब हम बैंक में पैसा डिपोसिट करते है। दूसरा होता है डिमांड। मतलब की हम जब भी डिमांड करते है। की हमें हमारा पैसा वापस चाहिए। तो बैंक हमें तुरंत हमारा पैसा देती है। यानि की हम कभीभी बैंक में जाकर अपना पैसा withdraw करते है। तो वो होगयी हमारी डिमांड। मतलब जो भी इस डिमांड डिपोसिट की प्रॉसेस को एक्सेप्ट करता है। उसेही हम बैंक कहते है।

loan & advances (लोन &एडवांस)

जो हमारा बैंकिंग फाइनेंस है। वो हमें लोन देता है। यानि की हम बैंक से कभीभी लोन ले सकते है। लेकिन लोन लेने के लिए हमें बैंक के पास हमारा कुछ गिरवी रखना होता है। यानि की घर ,जायदाद ,जमींन इत्यादि। और ऐसा कुछ गिरवी रखने पर बैंक हमें लोन देती है। और हमारे जमींन का या घर का पूरा वैल्यूएशन निकलने के बाद बैंक हमें ६०% to ७०% तक लोन प्रोवाइड करती है।

अभी लोन कितना लेना है ये हमारे ऊपर होता है। क्युकी आगे चलकर इसे हमें चुकाना ही होता है। तो इंट्रेस्ट के हिसाब से हम बैंक से लोन ले सकते है।और बात करे एडवांस की तो बैंक हमें कुछ एडवांसेज (उन्नति) देती है। जैसे की EMI की। यानि की हम कुछ वास्तु लेते है किसी कंपनी से ,जैसे की हमने बाइक लेली। तो बैंक हमें उसकेपर EMI देती है।

हम कंपनी को बाइक का पूरा पैसा न देकर हम उसे क़िस्त में कुछ पैसे देते है। और फिर बैंक हमें हर महीने उस कंपनी की थोड़ी थोड़ी अमाउंट भरने को बोलती है। हे होता है हमारा बैंक का एडवांस।

fund transfer & withdraw  (फंड ट्रांसफर& विथड्रॉ)

हम बैंक के माध्यम से किसीको भी अपना पैसा ट्रांसफर कर सकते है। या हम हमारा पैसा कभीभी कहीभी atm के माध्यम से निकल यानि की withdraw कर सकते है। बैंक हमें ऐसेभी सवलत देता है की हम कभीभी हमारा पैसा ट्रांसफर कर सकते है। जैसे की paytm होगया। paypal होगया। या और भी कुछ आप्लिकेशन्स है जो आपको ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करने में मदत करते है।

तो ये सब बैंक से ही मुमकिन होता है। बैंक ही हमें ऐसे सवलत देता है की हम रात के १२ बजे भी हम हमारे पैसे ट्रांसफर कर सकते है। वैसे बैंक के भी खुद के ऐसे ऍप्लिकेशन्स होते है जो पैसा टट्रांसफर करते है। या आप internet बैंकिंग के माध्यम से भी अपना पैसा कहीभी ट्रांसफर कर सकते है।

अगर आपको इंटरनेट बैंकिंग के बारे में पता नहीं है। तो आप हमारी पिछली पोस्ट पढ़ सकते है जिसमे हमने internet banking के बारे में विस्तार में बताया है। या तो दिए गए लिंक पर क्लिक करकर भी आप उस पसत पर जा सकते है।

अभी हमने जाना की bank kya hai (बैंक क्या होता है).और आपको बैंकिंग के बारे जानकारी मिल गयी होगी। आगे हम समझेंगे की आखिर बैंक कैसे पैसे कमाते है। या हमारा बैंक के अंदर पैसे रखने से बैंक को क्या फायदा होता है। जब की बैंक हमें बैंक में पैसा रखने के लिए ब्याज भी देती है। तो चलिए समझते है। बैंक कैसे पैसा कमाती है।

बैंक कैसे पैसा कमाती है

जब हम बैंक में पैसा डिपोसिट करते है। तो बैंक हमें उन पैसे को हर साल में ब्याज देती है। ऐसा क्यों होता है। आखिर बैंक हमारे पैसो को बैंक में रखने के लिए क्यों ब्याज देती है। तो दोस्तों बैंक का असल काम होता है। लोगो से पैसा लेना और दूसरी जगह इन्वेस्ट करके पैसे कामना।

जैसे की बैंक शेयर बाजार ,म्यूच्यूअल फंड। ऐसी और भी जगह हमारा पैसा इन्वेस्ट करती है। और पैसा कमाती हो। और उसमें से कुछ हिस्सा हमें देती है। जिसे हम ब्याज कहते है।

types off bank-बैंक के प्रकार

साधारणता बैंक के दो मुख्य प्रकार होते है। जैसे की –

  • government bank
  • private bank

इन दोनी बैंको में कुछ ज्यादा फर्क नहीं होता। बस मालिकाना हक्क की बात होती है। गवर्नमेंट बैंक गवर्नमेंट यांनी RBI चलती है। और private बैंक भलेही किसी कंपनी के हाथ है लेकिन उसे चलना तो RBI के नियमो के मुताबिक ही होता है। rbi के हिसाब से ही दोनों बैंक कार्यरत होती है। अगर दोनों में से कोई भी बैंक गलती करती है। तो एक जैसे दोनों पर पेनल्टी rbi लगाती है।

सरकरी बैंक जैसे की स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ,महाराष्ट्र बैंक। और प्राइवेट बैंक जैसे। hdfc bank ,axis bank ,icici bank इत्यादि।

और अगर किसी बैंक का दिवाला निकलता है। तो दोनों तरीके के बैंक के नियम सेम ही है। दोनों बैंक को लोगोका पैसा लौटना होता है। लेकिन पैसो का इन्शुरन्स का नियम है। उस नियम के हिसाब से rbi लोगोके पैसे कुछ % वापस करती है।

बैंक की जानकारी

अगर सिंपल भाषा में कहा जाये तो बैंक हमारा पैसा बहुत सुरक्षित अपने पास रखती है। और जरुरत पड़ने पर हमें तुरंत हमारा पैसा लौटती है। अभी बैंक में भी हम अलग अलग तरीकेसे पैसे रख सकते है। जैसे हम हमारा पैसा saving account में रख सकते है। या हम अहमरा पैसा fixed diposit में रख सकते है।

और उनके हिसाब से बैंक हमें हमारे उन पैसो पर ब्याज देती है। और ब्याज भी बैंक हमें अलग अलग तरीक्से देती है। जैसे फिक्स्ड डिपोसिट में हमें ज्यादा रिटर्न्स मिलते है। यानि की ज्यादा ब्याज मितला है। करेंट अकाउंट में कम ब्याज मिलता है। और सेविंग अकाउंट में थोड़ा ज्यादा ब्याज मिलता है।

लेकिन इनके भी अलग अलग नियम होते है। जैसे की आप फिक्स डिपोसिट में अपना पैसा निकल नहीं सकते। और करेंट अकाउंट में आप अपना पैसा जबचाहे जब निकल सकते है। लेकिन फिक्स डिपोसिट के मुकाबले आपको करेंट अकाउंट में कम ब्याज मिलता है।

निष्कर्ष

बैंक हमारे पैसो को सुरक्षित रखने के लिए होती है। आप आपका पैसा फिक्स डोपोसिट में रखकर हर साल अच्छे रिटर्न्स कमा सकते है। आपके पैसो को आप करेंट अकाउंट में न रखकर आप फिक्स डिपोसिट में रख सकते है। अगर वो पैसा एक्स्ट्रा या काम में न आने वाला हो तो। बैंक के माध्यम से ही हमारा पैसा हम सुरक्षित और कहा भी ट्रांसफर करावा सकते है।

यकीं है की आपको bank kya hai (बैंक क्या होता है) .ये विस्तार में समझ आ गया होगा। और हमारा ये आजका bank kya hai (बैंक क्या होता है) आर्टिकल आपको फायदेमंद भी साबित रहा होगा। और अगर आपको हमारा ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अपने फॅमिली या दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजियेगा।

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