आज हर किसी को atm के बारे पता है। की एटीएम से पैसे निकले जाते है। एटीएम के आने की वजह से हमें हमारे पैसे निकलने के लिए बैंक में जाने की जरुरत नहीं रही। क्या लेकिन आपको atm के बारे में विस्तार में जानकारी है। की एटीएम क्या है(atm kya hai) ,atm ka full form kya hai एटीएम की शुरुवात कैसे हुयी ,एटीएम किसने बनाया ,एटीएम के प्रकार कितने होते है। अगर आपको ये जानना है तो ये लेख आपके लिए है।
एटीएम क्या है ?ATM kya hai -what is ATM

atm एक आटोमेटिक बैंकिंग मशीन हे। कैश पाइंट हॉल इन द वॉल बैकोमेंट जैसे नामोंसे यूरोप अमेरिका में यह मशीन का बहुत ज्यादा इस्तमाल करा जाता हे। भारत में नोटबंदी के दौरान एटीएम पर लम्बी लाइन लगी होती थी। ये कोई भी नहीं भूल सकता। उसी ही समय हम सभी को एटीएम से बहुत राहत मिली थी। लेकिन दोस्तों अभीभी एटीएम के बारे में आप सभी को कई ऐसी जानकारी जानना जरुरी है। जो आपको नहीं पता।तो चलए एक एक करके हम एटीएम के बारे में समझते है।
atm का पिन ४ डिजिट क्यूँ होता है
जॉन बेर्रों एटीएम के 6 डिजिटल पिन करने के पक्ष में थे। लेकिन उनकी पत्नी ने उनसे कहा की 6 डिजिट कुछ ज्यादा ही हो जाएंगे। ऐसे लोग शायद ही याद नहीं रख पाएंगे। इसी कारन के बाद जॉन बर्रों ने चार डिजिट का एटीएम पिन बनाया। और आज हर जगह ज्यादासे ज्यादा चार डिजिट का पिन चल रहा हे। और इस चार डिजिट पिन ने एटीएम को सरल सुविधाजनक बना दिया हे। हम एटीएम से हमारा समय की काफी बचत कर सकते है। वरना पहिल तो बेंको में लम्बी लाइन लगाकर भी पैसे को निकलना बोहोतही मुश्किल होता था।
atm का इतिहास
एटीएम ऑटोमेटेड बैंकिंग मशीन केश पाइंट , बांकोमट भी कहते हे। देखाजाये तो एटीएम की सबसे पाहिले पीढ़ी का प्रयोग 27 जून ,1967 में लंदन के बर्केले बैंक ने किया था। वैसे तो 1960 के दशक में एटीएम को बैंकोग्राफ नाम से भी जाना जाता था। लन्दन में एटीएम का सबसे पाहिले इस्तेमाल हुआ था। इसका श्रेय जॉन शेफर्ड बर्रों को दिया जाता हे। जॉन शेफर्ड बर्रों का जन्म ब्रिटिशकालीन भारत में 23 जून 1925 को मेघालय शिलॉन्ग में हुआ था।
भारत में पहिली बार 1987 में एटीएम की सुविधा सुरु करि गई थी। भारत में पहिला एटीएम हॉन्गकॉन्ग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन एचएसबीसी ने मुंबई में लगया था। क्यू की बेंको में कागज की करवाई के बिना पैसा नहीं निकाल सकते थे। जिससे काफी समय बर्बाद होता था। कई देशो के कुछ क्षेत्र में जैसे कहि गाओ जहाँ एटीएम की सुविधाएं अभीभी तक उपलब्ध नहीं हे।
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अभी भी सरकार की पूरी कोशिश चल रही हे की आने वाले समय में एटीएम की सुविधाएं हर उस गाओ में हर उस जगह में उपलब्ध करवाए जाये। राष्ट्रीय बैंक जिनमे अन्य क्षेत्रो के बैंक भी शामिल हे। हर एक के पास एटीएम की सुविधा होना होनी चाहिए। 70%-80% जनता आज कल के ज़माने में एटीएम का इस्तेमाल करती हे।
atm ka full form kya hai
Atm का फुल फॉर्म है ,automatic teller mashine .और हिंदी भाषा में एटीएम को स्वचालित गणक मशीन कहते हे।
एटीएम मशीन के प्रकार
एटीएम मशीन के दो प्रकार हो सकते हे। जैसे की पाहिले जिसमे आप आपने basic functions के माध्यमसे आप नकदी निकल सकते हे। और आपने account का अपडेटेड बैलेंस को चेक भी कर सकते हे। वही देखा जाये तो दूसरा advanced functions के माध्यम से जहा आप पैसे निकलने के साथ साथ ही पैसा भी जमा करावा सकते हे।
यानि की एक एटीएम पैसे निकलने का काम करता है तो दूसरा एटीएम मशीन पैसे बैंक में डालने का काम करता है। लेकिन अब ये फीचर एकहि मशीन में आ चूका है। आप पैसा बैंक में जमा भी कर सकते है। और अपना पैसा नगद कॅश निकल भी सकते है।
एटीएम से कैसे पैसे निकले
तो आप सभी को एटीएम क्या है(atm kya hai) के बारे में तो पता हे चल चूका होंगा। अब हम पता करेंगे की जब जब हमारे पास एटीएम कार्ड हो तब तो कैसे हम पैसे निकले।

- आप चाहे तो किसी भी बैंक की एटीएम से पैसे निकल सकते हे। यदि हो सके तो आपको आपके इलाको में एटीएम का तापस लगाइये। और यदि हो सखे तो आप के आस पास जो एटीएम है वो बैंक का एटीएम मशीन हो तो और भी बढ़िया हे।
- आपन कार्ड एटीएम मशीन में डाले और आगे की प्रोसेस आपको एटीएम मशीन के स्क्रेन पर दिक् जाएँगी। एटीएम को सीधे तरीके से डालें देखा जायेतो वह पर हरी कलर की लाइट लगी रहती हे। और आपको ध्यान रख के एटीएम को मशीन के अंदर डालना हे। नहीं तो मशीन रीड नहीं कर पाएंगी अगर आपको न रीड हो पाने का ऑप्शन आने के बाद आपको दुबारा इंसर्ट करने के लिए स्क्रीन में कहा जाएंगे।
- एटीएम मशीन आपके कार्ड को रीड कर ने के बाद आपको भाषा सिलेक्ट करने के लिए ऑप्शन देंगी। एटीएम में मुख्या तो भाषाएँ अंग्रेजी और हिंदी रहेती हे। इन दोनों भाषाओ मे से आप चाहे उस भाषा को सिलेक्ट कर सकते हे।
- आपको अब आगे की स्टेप के लिए एटीएम आपको पिन की मांग करता हे। ये मशीन वो पिन वही पिन हे ,जो बैंक द्वारा एटीएम के साथ प्रोसेस के लिए दिया जाता हे। जिसे आप किसी के साथ भी शेयर नहीं कर सकते हे।
- आपने आपने सही पिन इंटर कर लिया। आपके सामने एक नया सा पेज स्क्रेन पर खुल जाता हे। आपको अब आपने अकाउंट की खबर देनी होती हे। जैसे की saving account बचत बैंक खता है ,या current account चालू बैंक खता है। जो भी हो आप उसे सिलेक्ट कर सकते हे।
- अगर आपकी अकाउंट प्रोसेस भरने के बाद आपको आपका अमाउंट डालना होगा। जीतना आप अमाउंट चाहते हे उतनीही अमाउंट डाले। एक बार आपने अमाउंट डालने के बाद क्लिक कर देने पर आपकी डाली हुई अमाउंट मशीन में से बाहर निकल के आ जाएगी।
और देखा जाये तो बड़े ही आसानी से हम सब एटीएम से पैसे निकल सकते हे। और इस तरह आपका कॅश आप एटीएम के माध्यम से निकल सकते है।
निष्कर्ष
हमें यकीं है की आपको एटीएम क्या है(atm kya hai) और atm ka full form kya hai के बारे में विस्तार में समझ आगया होगा। और हमारे जीवन में एटीएम का कितना महत्त्व है। ये आपको समझ आज्ञा होगा। अगर एटीएम ना होता तो अभीभी हम बैंको के चक्कर लगाने में अपना समय बर्बाद करते।
हमें ख़ुशी है की आपको आजका एटीएम क्या है(atm kya hai)ये लेख काफी मदतगार साबित रहा होगा। और अगर आपो आजका ये हमारा लेख पसंद आया तो कृपया इसे अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजियेगा।
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